हिंदू संस्कृति में ऐसा माना जाता है कि रुद्राक्ष को धारण करने से भगवान शिव का आशीर्वाद मिलता है। रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के आंसुओं से हुई है और ये बहुत तरह के पाए जाते हैं। रुद्राक्ष शक्ति के साथ लंबी उम्र प्रदान करता है। इसलिए इसे धारण करने वाला व्यक्ति मानसिक समस्याओं से मुक्ति पाता है और दुख से छुटकारा मिलता है। 4 Mukhi Rudraksh को भगवान ब्रह्मा का स्वरूप माना जाता है, इसलिए इसके स्वामी ब्रह्मा हैं और ये ब्रहस्पति ग्रह से जुड़ा हुआ है। इस रुद्राक्ष की सतह पर चार धारियां पाई जाती है। इसे चार वेदों का सार माना जाता है (ऋग्वेद, सामवेद, यजुर्वेद और अथर्ववेद) क्योंकि भगवान ब्रह्मा पूरी सृष्टि के निर्माता हैं।
4 Mukhi Rudraksh को धारण करने के लिए रविवार, सोमवार और शिवरात्रि का दिन शुभ माना जाता है। गंगा जल या कच्चे दूध से इसे शुद्ध किया जाता है। रुद्राक्ष की ऊर्जा को सक्रिय करने के लिए “ओम हीं नमः” मंत्र का जाप 108 बार करना चाहिए। इसे सोने या चांदी में गढ़कर पहनने की सलाह दी जाती है। ये सब करने से पहले सूर्यदेव को तांबे के लोटे से जल अर्पित करना शुभ माना जाता है और 10-15 दिन के लिए बिना उतारे पहनना चाहिए।
ऐसा माना जाता है कि 4 Mukhi Rudraksh को धारण करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिन व्यक्तियों का बुध ग्रह कमजोर है उन्हें रुद्राक्ष धारण करने से लाभ मिल सकता है। इसलिए इसे पहनने से बुद्धि की प्राप्ति होती है और खूब सफलता मिलती है। मिथुन और कन्या राशि के जातकों के लिए 4 Mukhi Rudraksh को धारण करना शुभ माना जाता है। इसे पहनने वाले लोगो को शराब और मांसाहार से दूर रहना चाहिए। अगर एक भी मोती टूट जाए तो माला उतार कर रख देनी चाहिए क्योंकि इससे रुद्राक्ष के फायदे नहीं मिलते हैं।
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is not valid4 Mukhi Rudraksh में पिछले जीवन और वर्तमान जीवन के पापो से मुक्ति दिलाने की शक्ति होती है। इससे ज्ञान की प्राप्ति के साथ शक्ति भी मिलती है। रुद्राक्ष पहनने से व्यक्ति को मोक्ष मिलता है और ये सोच को नियंत्रित रखने में मदद करता है। मस्तिष्क सुधार से जुड़े इस रुद्राक्ष के बहुत फायदे हैं और ये मन को शांत रखता है। इसके अतिरिक्त, 4 मुखी रुद्राक्ष पहनने से व्यक्ति का आत्मविश्वास भी बढ़ता है। शास्त्रों में रुद्राक्ष की शक्तियों के बारे में विस्तार से बताया गया है। इसे पहनने से भक्तों को भगवान शिव का आशीर्वाद मिलता है।
इस रुद्राक्ष को पहनने से भगवान शिव के साथ देवी सरस्वती का आशीर्वाद मिलता है। देवी सरस्वती को ज्ञान की देवी माना जाता है इसलिए इसे पहनने से शिक्षा में बहुत सफलता मिलती है और विद्वान बनते हैं। अस्थमा, दिल की बीमारी से पीड़ित लोगों को स्वास्थ्य में सुधार मिलता है।
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