Gaj Kesari Yog कुंडली में कैसे देखें? क्या गजकेसरी योग बना सकता है धनवान?
Posted On: May 3, 2024
ज्योतिष में ऐसे बहुत से योग है जिनका मिलन जातक को बहुत लाभ देता है। इनमें से एक Gaj Kesari Yog है जो बृहस्पति और चंद्र ग्रह के मिलन के कारण बनता है। ये योग आपको धनवान और ज्ञानी बना सकता है। इस योग का मतलब है हाथी के ऊपर सवार सिंह। इसे बहुत ही शुभ योग माना जाता है। इस योग के प्रभाव से व्यक्ति को समाज में बहुत मान-सम्मान मिलता है। उसके आस-पास के लोग उससे बहुत प्रेम करते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब गुरु और चंद्रमा बैठकर Gaj Kesari Yog बनाते हैं, तो जातक को शुभ फलों की प्राप्ति होती है और वह ऊंचे मुकाम प्राप्त करता है।
जन्म कुंडली में Gaj Kesari Yog कैसे देखें?
ऐसा माना जाता है कि ये योग केवल चंद्रमा और बृहस्पति के मिलन से लाभ देता है। यही कारण है कि जिनका बृहस्पति मजबूत होता है वो जातक अपने जीवन में बहुत सफल होते हैं। उन्हें मानसिक शांति, धन, ज्ञान, खुशियां भी मिलती हैं। मजबूत बृहस्पति के कारण जातक को जीवन में नेतृत्व की भूमिका निभाने की प्रेरणा मिलती है। ये समाज कल्याण में भी भाग लेते हैं और दूसरे की मदद करते हैं। यह योग सबसे ज्यादा ताकतवर पहले भाव में ही माना जाता है।
कुंडली में Gaj Kesari Yog के होने से क्या प्रभाव पड़ता है?
- अगर व्यक्ति के पहले लग्न में Gaj Kesari Yog बनता है, तो वह उच्च पद पर जैसे नेता या अभिनेता बनता है। इन जातकों को राज योग का लाभ होता है।
- अगर किसी व्यक्ति के दूसरे लग्न में ये योग बन रहा है, तो ऐसे लोग जन्म से ही बहुत अच्छे घर में पैदा होते हैं और धनी होते हैं।
- तीसरे भाव में ये योग बनने से व्यक्ति बहुत साहसी होता है। इनका भाग्य इनके घरवालो के साथ भी जुड़ा होता है। इनके साथ वो भी उच्च पद पर नियुक्त होते हैं।
- चौथे भाव में इस योग के बनने से जातक को पैतृक संपत्ति मिलती है। उनके पास धन की कोई कमी नहीं रहती। इसके साथ ही समाज में उनका सम्मान बना रहता है।
- पंचम भाव में Gaj Kesari Yog बनने से जातक बहुत बुद्धिमान होता है। ऐसे जातकों की संतान शिक्षा में बहुत सफल होती है और काफी समझदार बनती है।
- छठे भाव में ये योग शुभ नहीं है क्योंकि ऐसे जातकों का स्वास्थ्य हमेशा खराब रहता है।
- सातवें भाव के जातकों को ये योग एक अच्छा जीवनसाथी देता है जिसके कारण इनका सम्मान बढ़ता है। इनके जीवनसाथी उच्च पद पर नियुक्त होते हैं।
- आठवें भाव के जातक ज्योतिष विद्या में बहुत विश्वास रखते है. लेकिन इसके साथ ही. इन्हें तंत्र मंत्र का भी ज्ञान होता है। इनके पास धन की कभी कमी नहीं रहती।
- नवम भाव में ये योग भाग्य का साथ देता है। जिसकी वजह से हर इच्छा पूरी होती है। ऐसे लोगो को भगवान में अटूट विश्वास होता है।
- दसवें भाव के जातक भाग्य से ज्यादा कर्म पर विश्वास रखते हैं। वे जीवन में मेहनत से सब हासिल करना पसंद करते हैं।
- अगर किसी जातक के ग्यारहवें भाव में Gaj Kesari Yog है, तो वह आय के स्रोत बनाते हैं और मेहनत से धन कमाते हैं।
- बारहवें भाव में ये योग कामजोर माना जाता है क्योंकि ऐसे लोग बहुत खर्चा करते हैं और सफल होना इनके लिए काफी कठिन होता है।
गज केसरी राजयोग की सम्पूर्ण जानकारी के लिए देखें यह वीडियो:
निष्कर्ष
गज केसरी योग जातक के लिए बहुत शुभ होता है। धन के साथ ये व्यक्ति को ज्ञान की प्राप्ति भी कराता है और जीवन में बहुत खुशी प्रदान करता है। ये योग बनने के लिए केवल एक ही मांग होती है कि कुंडली में बृहस्पति और चंद्रमा दोनों को एक-दूसरे के अनुकूल होना चाहिए।
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