भारतीय संस्कृति में ब्रज भूमि के अद्वितीय गांवों की महिमा अत्यधिक है। वहां की अनूठी परिधि, भक्ति और अनन्य प्रेम की कथाएं भगवान कृष्ण और उनकी अत्यधिक प्रिय साथी, राधा के बीच की अनमोल दोस्ती को दर्शाती हैं। राधा अष्टमी (Radha Ashtami 2023), जिसे भगवान कृष्ण की प्रिय श्रीमती राधिका की जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है, एक महत्वपूर्ण हिन्दू त्योहार है। यह उत्तर भारतीय राज्यों में खासतौर पर उत्तर प्रदेश, ब्रज और हरियाणा में धूमधाम से मनाया जाता है।
राधा अष्टमी 2023 इस बार 23 सितंबर को मनाया जाएगा। यह त्योहार भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को आता है। इस दिन भगवान कृष्ण की अत्यधिक प्रिय साथी राधाजी का जन्म हुआ था और यह खास उत्सव उनकी जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है।
राधा अष्टमी का उत्सव विशेष श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाने वाला है। इसलिए इस विशेष दिन को शुभ और अनुकूल मुहूर्त में मनाना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
राधा अष्टमी के उत्सव को भक्ति और भक्ति भावना के साथ मनाना चाहिए। यहां राधा अष्टमी की सही पूजा विधि दी जा रही है:
पूजा सामग्री:
पूजा की विधि:
राधा अष्टमी का उत्सव भगवान कृष्ण और श्रीमती राधाजी के प्यार और विशेष रूप से उनके परम भक्तों के लिए एक आनंदमय और धार्मिक दिन है। यह एक अवसर है भगवान की अत्यंत प्रिय श्रीमती राधाजी को अपने जीवन में एक नया आयाम देने का। राधा रानी हमारे लिए भक्ति, प्रेम और समर्पण की मिसाल हैं और उनके उत्सव को भगवान कृष्ण के भक्तों के लिए एक विशेष अवसर बनाते हैं जिसे ध्यान में रखकर हम अपने जीवन को प्रेरित कर सकते हैं।
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