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Janmashtami 2023 Kab Hai: 6 या 7 सितम्बर-जानें पूजा का शुभ मुहूर्त

Posted On: August 29, 2023

हम सभी जानते हैं कि हमारा देश अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध है, और इसमें से एक महत्वपूर्ण त्योहार है – जन्माष्टमी। जन्माष्टमी हिन्दू पंचांग के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के अवसर के रूप में मनाई जाती है। इस वर्ष, Janmashtami 2023 Kab Hai और इसे कैसे मनाना चाहिए, इस पोस्ट में हम जानेंगे।

जन्माष्टमी का महत्व:

जन्माष्टमी का महत्व भारतीय सांस्कृतिक धरोहर में अत्यधिक है। यह त्योहार भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की स्मृति में मनाया जाता है, जो अपने जीवन में अनेक महत्वपूर्ण संदेशों को देने वाले थे। भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में अर्जुन को धर्म, कर्म, और भक्ति के महत्व के बारे में उपदेश दिया था, जिसका आज भी लोगों के जीवन में महत्व है। इसलिए, जन्माष्टमी को ध्यानपूर्वक मनाना हमारे धार्मिक और आध्यात्मिक जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है।

Janmashtami 2023 Kab Hai:

हमारे शास्त्रों के अनुसार श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि, दिन बुधवार, रोहिणी नक्षत्र, वृषभ राशि में अर्धरात्रि के समय हुआ था। इस वर्ष जन्माष्टमी का आयोजन 06 सितंबर 2023 को गृहस्त लोगों के लिए और 07 सितम्बर 2023 को वैष्णव सम्प्रदाय के लोगों के लिए होगा।

जन्माष्टमी के उपयोगी मुहूर्त:

जन्माष्टमी के दिन कुछ खास मुहूर्त भी होते हैं, जिन्हें ध्यान में रखकर करने से अधिक पुण्य मिलता है। यहां वो मुहूर्त हैं:

  • रोहिणी नक्षत्र काल: 06 सितम्बर 2023 को प्रातः 9:20 से आरम्भ होकर 07 सितम्बर को प्रातः 10:25 पर समाप्त होगी।
  • निशीत काल: 06 सितम्बर 2023 रात्रि 12 बजे।
  • मध्य रात्रि पूजा: 06 सितम्बर 2023 को 11:53 PM से शुरू होकर 07 सितम्बर 2023 को 12:42 AM पर समाप्त होगी।
  • अष्टमी तिथि: 06 सितम्बर 2023 को 3:38 PM से शुरू होकर 07 सितम्बर 2023 को 4:14 PM पर समाप्त होगी।
  • व्रत पारणा: 07 सितम्बर 2023 को 6:02 AM से शुरू होकर 07 सितम्बर 2023 को 4:14 PM पर समाप्त होगी।

जन्माष्टमी के उपयोगी उपाय:

जन्माष्टमी के दिन कुछ विशेष उपाय और त्योहार मनाने के तरीके हैं, जिन्हें आप अपने जीवन में अपना सकते हैं:

  1. जन्माष्टमी पूजा:

जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण की विशेष पूजा करना बहुत महत्वपूर्ण है। आप अपने घर में भगवान की मूर्ति को सजा कर पूजा कर सकते हैं। इसके लिए आपको तुलसी पत्ते, फूल, दीपक, धूप, चादर, और प्रसाद की आवश्यकता होती है। पूजा के बाद, आप भगवान के प्रसाद को खा सकते हैं।

  1. भजन-कीर्तन:

जन्माष्टमी के दिन, भजन-कीर्तन का आयोजन करना भी बहुत अच्छा विचार होता है। इससे आपकी आत्मा को शांति मिलती है और आप भगवान श्रीकृष्ण के प्रति अपनी भक्ति को व्यक्त कर सकते हैं।

  1. जागरण:

जन्माष्टमी की रात, भगवान के जन्म के रूप में जागरण का आयोजन किया जाता है। इसमें भजन-कीर्तन, कथा सुनाने, और भगवान की आराधना करने का विधान है। यह एक अत्यंत पावन अनुभव होता है।

  1. व्रत:

जन्माष्टमी के दिन व्रत रखना भी बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस दिन व्रत रखकर आप भगवान की पूर्ण आराधना कर सकते हैं और उनके आशीर्वाद को प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा, व्रत रखने से आपकी आत्मा को शुद्धि मिलती है और आप अपने धार्मिक आदर्शों का पालन करते हैं।

जन्माष्टमी कैसे मनाएं:

जन्माष्टमी के दिन को ध्यानपूर्वक मनाने से हमारे जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि होती है। यहां कुछ तरीके हैं जिनसे आप इसे सजीवतर तरीके से मना सकते हैं:

  1. घर को सजाना:

जन्माष्टमी के दिन अपने घर को सजाना बहुत महत्वपूर्ण है। आप अपने घर को सुंदरीकृत कर सकते हैं और भगवान की मूर्ति को सुंदर अलंकरण कर सकते हैं। इससे आपका घर पॉजिटिव ऊर्जा से भर जाता है और आपके घरवाले खुश रहते हैं।

  1. पूजा-अर्चना:

जन्माष्टमी के दिन भगवान की पूजा-अर्चना करें। आप भगवान के लिए धूप, दीप, फल, पुष्प, और मिठाई चढ़ा सकते हैं। पूजा के दौरान भगवान के लीला कथाएँ सुनें और भजन-कीर्तन का आनंद लें।

  1. माखन-मिश्री और पायस:

रात्रि को भगवान को माखन-मिश्री और पायस के साथ भोग लगाएं। यह भगवान के प्रिय आहार में से है और इसे विशेष ध्यान से तैयार करना होता है।

  1. सत्संग:

जन्माष्टमी के दिन सत्संग का आयोजन करें। सत्संग में धार्मिक ग्रंथों के उपदेश का अध्ययन किया जाता है और धार्मिक चरित्र का विकास होता है।

  1. वृत्त कथा सुनना:

जन्माष्टमी के दिन वृत्त कथा सुनना भी अच्छा विचार होता है। इसके माध्यम से आप भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं और महत्वपूर्ण संदेशों के बारे में अधिक जान सकते हैं।

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अंत में:

जन्माष्टमी पर हम सभी को श्रीकृष्ण के प्रेम और भक्ति में रंगने का मौका मिलता है। इस अद्भुत त्योहार को ध्यानपूर्वक मनाने से हमारे जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि होती है। जन्माष्टमी के इस पावन अवसर पर, आपके जीवन में खुशियाँ और सफलता हो।

जय श्रीकृष्णा!

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