दिवाली 5 दिनों का त्यौहार है और हर दिन का महत्व है जो दुनिया भर में मनाया जाता है। दिवाली के बाद गोवर्धन पूजा का त्यौहार आता है। इस दिन घरों में भगवान श्रीकृष्ण और गोवर्धन की पूजा की जाती है। इस दिन भगवान कृष्ण ने भगवान इंद्र को हराया था और इसलिए यह त्योहार मनाया जाता है। अन्नकूट पूजा के अवसर पर भक्त छप्पन भोग तैयार करते हैं। उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए भगवान कृष्ण को भोग अर्पित करते हैं। Goverdhan Puja 2024 2 नवंबर 2024 को पड़ेगी।
Goverdhan Puja 2024 का महत्व
यह त्यौहार प्रकृति की रक्षा के लिए मनाया जाता है। इस दिन श्री कृष्ण ने गोवर्धन के नागरिकों की रक्षा करके भगवान इंद्र को हराया था। उन्होंने भगवान इंद्र द्वारा लाई गई भारी बारिश के दौरान गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठा लिया था। इसी पौराणिक कथा के कारण लोग इस दिन के बाद से गोवर्धन पर्वत की पूजा करने लगे। इस दिन को प्रकृति के प्रति सम्मान के रूप में देखा जाता है और इसे ‘गोवर्धनधारी’ और ‘गिरिवरधारी’ के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन अन्नकूट बनाने की परंपरा है जो सभी प्रकार की मौसमी सब्जियों से बनाया जाता है। इसे भगवान को अर्पित किया जाता है।
Goverdhan Puja 2024 की तिथि और समय
पंचांग के अनुसार गोवर्धन पूजा कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को की जाती है। यह त्यौहार दिवाली के अगले दिन मनाया जाता है। इस साल 2 नवंबर को गोवर्धन पूजा करी जाएगी।
- शुभ समय – प्रातःकाल 06:34 – 08:46 बजे तक।
Goverdhan Puja 2024 की पूजा विधि
इस दिन घर के आंगन में गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत और गाय, बछड़े आदि की आकृतियां बनाकर उनकी पूजा की जाती है। आरती की जाती है और गायों को मिठाई खिलाई जाती है।
- इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। इसके बाद गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत की मूर्ति बनाएं।
- ऐसा करने के बाद पेड़ों की मूर्तियां बनाएं और बीच में भगवान कृष्ण की मूर्ति रखें।
- पूजा करने के लिए फूल, प्रार्थना, फल और मिठाई चढ़ाएं और अन्नकूट का भोग लगाएं।
- अंत में गोवर्धन पूजा कथा सुनें और प्रसाद बांटें। पूजा के बाद आशीर्वाद पाने के लिए गोवर्धन की सात परिक्रमा करें।
गोवर्धन पूजा पर क्यों बनाया जाता है 56 भोग?
हिंदू धर्म में 56 भोग को बहुत महत्व दिया गया है। ऐसा माना जाता है कि श्री कृष्ण दिन में 8 बार भोजन करते थे। इसके अलावा, जब उन्होंने गोवर्धन पर्वत उठाया तो वे 7 दिनों तक भूखे रहे। तो 7 दिन में 8 भोजन होने के कारण 56 भोग तैयार होता है। उस दिन से, भक्त भगवान कृष्ण और गोवर्धन को चढ़ाने के लिए 56 भोग या अन्नकूट प्रसाद तैयार करते हैं। ऐसा करने से भक्तो की मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
Goverdhan Puja 2024 की सम्पूर्ण जानकारी के लिए देखें यह वीडियो:
निष्कर्ष
गोवर्धन पूजा प्रकृति माँ को समर्पित एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह त्यौहार हमें यह भी बताता है कि प्रकृति का सम्मान करना ज़रूरी है। हमें प्रकृति से जो कुछ भी मिला है उसके लिए हमें आभारी होना चाहिए। किसी न किसी तरह, हर कोई प्रकृति पर निर्भर है, इसलिए हर चीज का सम्मान करना महत्वपूर्ण है। इस दिन खेती में लोगों की मदद करने वाले बैल और गाय जैसे जानवरों की पूजा की जाती है। गोवर्धन पर्वत मथुरा में स्थित है। इस वर्ष भी Goverdhan Puja 2024 का त्योहार बहुत धूमधाम से मनाया जाएगा।
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