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Dhanteras 2023: तारीख, शुभ मुहूर्त, महत्व, इतिहास और पौराणिक कथाएं

Posted On: October 26, 2023

भारतीय सभ्यता में धन का महत्व अत्यधिक है। विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों में धन को ध्यान में रखने की परंपरा है। धनतेरस विशेष रूप से हिन्दू समुदाय में मनाया जाता है और यह वर्ष 2023 में 10 नवंबर को पड़ रहा है। इस खास त्योहार के पीछे भगवान धन्वंतरि और धन लक्ष्मी की कई महत्वपूर्ण कथाएँ हैं। यहां Dhanteras 2023 के महत्व, इतिहास, कहानियों और पूजा के शुभ मुहूर्त के बारे में जानकारी दी जाएगी।

धनतेरस का महत्व:

धनतेरस को धन और धन के देवता धन्वंतरि की पूजा का अवसर माना जाता है। इस दिन लोग सोने और चांदी की खरीददारी करते हैं और यह माना जाता है कि इससे उन्हें आने वाले साल में धन लाभ होगा। विशेष रूप से व्यापारी वर्ग के लोग इस दिन अपने व्यवसाय में नई शुरुआत करते हैं और लेन-देन करते हैं।

धनतेरस का इतिहास:

धनतेरस, हिन्दू परंपरा में विभिन्न हिस्सों में उत्सव के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को आता है। धनतेरस का मतलब होता है ‘धन’ और ‘तेरस’ जो कि त्रयोदशी का हिंदी रूपांतरण है।

प्राचीन काल में:

वेदों और पुराणों के अनुसार, धनतेरस का उल्लेख बहुत प्राचीन समयों में होता है। यह पर्व भगवान धन्वंतरि के उत्थान के अवसर पर मनाया जाता है। भगवान धन्वंतरि आयुर्वेद के पिता माने जाते हैं और उनका संबंध रस, चिकित्सा और उष्ण तत्वों से है। इसलिए धनतेरस पर भगवान धन्वंतरि की पूजा विशेष रूप से महत्वपूर्ण मानी जाती है।

महाभारत काल में:

महाभारत महकाव्य में भी धनतेरस का उल्लेख है। यह कहा जाता है कि पाण्डव वीर अपने वनवास के दौरान राजा विराट के राजमहल में गुप्त रूप से रहते थे और धनतेरस को अपना गुप्त धन खोजने के लिए मांगी थी। इसे देखकर राजा विराट का पुत्र उत्तर ने अपनी माता की गहनों से सुवर्ण अभूषण देने का फैसला किया था, जो उनकी बहन की शादी में उपयोग किये जाने वाले थे। इस तरह पाण्डव वीरों को अपना गुप्त रूप से रखा गया।

गुप्त राजवंश काल में:

गुप्त राजवंश के उत्थान के दौरान भारतीय समाज में धर्मिक और सांस्कृतिक आयामों का विकास हुआ था और धनतेरस जैसे पर्वों को मनाने का परंपरागत रूप दिखाया था।

आधुनिक युग में:

आज के आधुनिक युग में भी धनतेरस को धन और समृद्धि का पर्व माना जाता है। लोग इस दिन सोने और चांदी की खरीददारी करते हैं, नई सामग्री खरीदते हैं और व्यवसाय के लिए नए आरंभ करते हैं।

धनतेरस एक महत्वपूर्ण हिन्दू पर्व है जो धन और समृद्धि की प्राप्ति के लिए विशेष रूप से मनाया जाता है। इसके इतिहास में धन्वंतरि भगवान और धन लक्ष्मी की महत्वपूर्ण भूमिकाएँ हैं जो धर्मिक और सांस्कृतिक मान्यताओं के साथ जुड़ी हैं।

धनतेरस की कहानियाँ:

– धन्वंतरि और देवासुर मंथन:

एक पुरानी कथा के अनुसार, देवताओं और असुरों के बीच अमृत मंथन (समुद्र मंथन) के दौरान भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। वे देवताओं को अमृत देने के लिए उत्साहित करते हैं। असुरों ने यह देख लिया और भगवान धन्वंतरि के पीछे दौड़े। धन्वंतरि भगवान ने देवताओं को अमृत दिलाने के लिए असुरों को धमकाया। इसके परिणामस्वरूप, देवताओं के हाथ अमृत चला गया और असुरों को कुछ भी नहीं मिला।

– कुबेर और लक्ष्मी:

एक और कथा के अनुसार, धनतेरस के दिन भगवान कुबेर लोक का दरबार सजाते हैं। भगवान कुबेर धन के देवता माने जाते हैं और उन्हें धन लाभ करने का वरदान दिया जाता है। इस दिन भगवान लक्ष्मी भी उनके साथ रहती हैं जिन्होंने व्रत का पालन किया है। यह एक समाजिक उत्सव के रूप में मनाया जाता है जिसमें लोग आपसी मिलन-जुलन करते हैं और धन समृद्धि की कामना करते हैं।

Dhanteras 2023 की तारीख और शुभ मुहूर्त:

धनतेरस का पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को आता है। इस साल, धनतेरस 10 नवंबर को दोपहर 12:35 बजे से आरंभ होकर 11 नवंबर को दोपहर 01:57 बजे तक रहेगा। पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 06:02 बजे से लेकर रात 08:00 बजे तक करीब 1 घंटा 58 मिनट तक रहेगा। हालांकि, उन व्रती लोगों के लिए जो धनतेरस के दिन उपवास रखते हैं, उन्हें 11 नवंबर को ही उपवास करना चाहिए, क्योंकि 11 नवंबर को प्रदोष काल रहेगा।

Dhanteras 2023 पूजा विधि:

  • शुभ मुहूर्त में तैयारी: धनतेरस के शुभ मुहूर्त में, घर को सजाने और साफ-सुथरा करने का आयोजन करें।
  • गणेशलक्ष्मी पूजा: धनतेरस के दिन गणेश और लक्ष्मी माता की पूजा करें। इससे धन और समृद्धि में वृद्धि होती है।
  • सोने और चांदी की खरीददारी: इस दिन सोने और चांदी की खरीददारी करें, जो आने वाले साल में धन लाभ कराने में मदद करती है।
  • धन्वंतरि मंत्र का उच्चारण: भगवान धन्वंतरि को यहाँ अध्यात्मिक रूप से आमंत्रित करें ताकि वे धन और समृद्धि का आशीर्वाद दे सकें।
  • व्रत और आरती: लोग धनतेरस के दिन व्रत करते हैं और लक्ष्मी आरती गाते हैं। यह धन और समृद्धि की प्राप्ति के लिए उत्तम होता है।

धनतेरस के दिन शुभ माने जाने वाली वस्तुएं:

  • स्वर्ण और चांदी: धनतेरस पर सोने और चांदी की खरीददारी करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है। यह धन और समृद्धि की प्राप्ति में मदद करता है।
  • उपहार वस्त्र: लोग धनतेरस पर अपने परिवार और दोस्तों को उपहार वस्त्र भेंट करते हैं, जिससे उनका आपसी रिश्ता मजबूत होता है।
  • लकड़ी के उत्पाद: धनतेरस पर लकड़ी के उत्पाद जैसे कि फर्नीचर, लकड़ी के आभूषण आदि खरीदने का भी महत्व है।
  • उपहार आभूषण: चांदी और सोने के आभूषण भी धनतेरस पर खरीदने के लिए उत्तम माने जाते हैं। यह धन और सुख-शांति की प्राप्ति में मदद करते हैं।
  • पूजा सामग्री: धनतेरस पर विशेष रूप से धन्य और धनवान होने की कामना से पूजा सामग्री खरीदना भी अत्यधिक शुभ माना जाता है।
  • वाहन खरीदी: कुछ लोग धनतेरस पर नए वाहन की खरीदी करने का आयोजन करते हैं। यह धन और खुशियों के साथ नए शुरुआत का संकेत होता है।
  • व्यवसाय की सामग्री: व्यापारी वर्ग के लोग धनतेरस पर अपने व्यापार के लिए नए सामग्री खरीदते हैं, जिससे उनका व्यवसाय उन्नति कर सके।

धनतेरस पर इन वस्त्रों की खरीददारी करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है, जो धन और समृद्धि की प्राप्ति में मदद करते हैं। यह एक व्यक्तिगत और सामाजिक रूप से महत्वपूर्ण पर्व है जो लोग धन और धनवान होने की कामना से मनाते हैं।

धनतेरस पूजा और शुभ मुहूर्त के लिए देखें यह वीडियो

समापन:

धनतेरस एक महत्वपूर्ण हिन्दू त्योहार है जो धन और समृद्धि की प्राप्ति के लिए विशेष रूप से मनाया जाता है। इसके पीछे भगवान धन्वंतरि और धन लक्ष्मी की कई महत्वपूर्ण कथाएँ हैं जो विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताओं के साथ जुड़ी हैं। इस Dhanteras 2023 पर शुभ मुहूर्त में पूजा और सोने-चांदी की खरीददारी करने से लोग आने वाले साल में धन और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

आप सभी को Dhanteras 2023 की हार्दिक शुभकामनाएं।

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