कई ज्योतिषी कुंडली में दोष के नकारात्मक प्रभाव को खत्म करने के लिए रत्न और रुद्राक्ष पहनने की सलाह देते हैं। रुद्राक्ष में भगवान शिव की शक्ति होती है और इसलिए रुद्राक्ष को धारण करने से बुरी ऊर्जा से छुटकारा मिलता है। आज हम बात करेंगे 10 Mukhi Rudraksh के बारे में, जो व्यक्ति को शनि दोष से मुक्ति दिलाता है। माना जाता है कि यह रुद्राक्ष दसों दिशाओं से सुरक्षा और ऊर्जा प्रदान करता है।
10 Mukhi Rudraksh का महत्व
यह विशेष रुद्राक्ष श्री कृष्ण का प्रतीक है। अत: इसे धारण करने से जातक नौ ग्रहों के बुरे प्रभाव से सुरक्षित रहते हैं। कहा जाता है कि इसे धारण करने से कृष्ण भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। ऐसा माना जाता है कि रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के आंसुओं से हुई थी और 10 Mukhi Rudraksh का संबंध शनिदेव से है। जो लोग शनि ग्रह के नकारात्मक प्रभाव का सामना कर रहे हैं वे इसे पहन सकते हैं। यह रुद्राक्ष वास्तुदोष को भी दूर करता है। इस रुद्राक्ष को पहनने का एक बड़ा महत्व यह है कि जादू-टोने का असर नहीं होता है। साथ ही इसमें नौ ग्रहों को शांत करने की क्षमता होती है। यह मानव शरीर के सात चक्रों को भी संतुलित रखता है।
10 Mukhi Rudraksh पहनने के फायदे
- यह जातक के आत्मविश्वास को बढ़ाता है और अकेलेपन के डर को दूर करता है।
- इस रुद्राक्ष को पहनने से घर से नकारात्मक ऊर्जा और वास्तु दोष दूर होते हैं।
- यह दसों दिशाओं से ऊर्जा प्रदान कर मानसिक तनाव और नकारात्मकता को कम करता है।
- यह रुद्राक्ष पितरों का आशीर्वाद प्रदान करता है और पितृ दोष से पीड़ित लोगों के लिए लाभकारी होता है।
- यह रुद्राक्ष कानूनी मामलों में सहायता करता है और अदालती मामलों से जुड़े तनाव को कम करता है।
- यह रुद्राक्ष भगवान विष्णु की शक्ति धारण करता है और पहनने वाले को भौतिक सफलता, स्वास्थ्य, खुशी, आध्यात्मिक आनंद और मोक्ष देता है।
- यह वित्तीय विकास में सुधार करता है और धन और संसाधनों की कमी को दूर करता है।
- यह नकारात्मक विचारों को दूर करता है और दुर्घटनाओं से बचाता है।
- इस रुद्राक्ष को पहनने से एकाग्रता कौशल में सुधार होता है।
- यह परिवार में सद्भाव लाता है और घरेलू परेशानियों से राहत दिलाता है।
10 Mukhi Rudraksh किसे पहनना चाहिए?
यह रुद्राक्ष शनि देव से संबंधित है इसलिए यह मकर और कुंभ राशि वालों के लिए लाभकारी है। जिन व्यक्तियों का शनि कमजोर है वे इसे धारण कर सकते हैं और अपने जीवन से नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर सकते हैं। जो लोग अदालती मामलों का सामना कर रहे हैं वे इस रुद्राक्ष को पहनकर सफलता प्राप्त कर सकते हैं। लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि साढ़ेसाती या ढैय्या के अशुभ प्रभाव से पीड़ित लोगों के लिए 10 Mukhi Rudraksh पहनना अच्छा होता है। यह रुद्राक्ष पहनने वाले को दुर्घटनाओं, घातक बीमारियों और असामयिक मृत्यु से बचाता है।
Rudraksh धारण करने की विधि
- शुद्धि प्रक्रिया: सुबह उठकर साफ कपड़े पहनें। इसके बाद रुद्राक्ष को गंगाजल से पवित्र कर लें।
- पूजा: शुद्धि प्रक्रिया के बाद मंदिर में दीपक जलाएं और रुद्राक्ष पर चंदन से तिलक करें।
- पवित्र मंत्र का जाप करें: नियमित रूप से 108 बार “ओम ह्लीं नमः” का जाप करें।
- धारण: इसे गले में सोने या चांदी की चेन में पहनें।
10 Mukhi Rudraksh पहनने के बाद किन बातों से बचना चाहिए
- व्यक्ति को सादा जीवन जीना चाहिए। शराब पीने और मांस खाने से बचना चाहिए क्योंकि इससे रुद्राक्ष की ऊर्जा नष्ट हो जाती है।
- इस रुद्राक्ष को पहनने के बाद जातकों को कभी भी शमशान घाट नहीं जाना चाहिए।
- रुद्राक्ष को सोते समय नहीं पहनना चाहिए।
10 Mukhi Rudraksh ke fayde की सम्पूर्ण जानकारी के लिए देखिये यह वीडियो:
निष्कर्ष
इस रुद्राक्ष में व्यक्ति को सफल बनाने की क्षमता होती है। यह व्यक्ति के जीवन से सभी प्रकार के भय को दूर कर उसे साहसी बनाता है। 10 Mukhi Rudraksh को उचित परामर्श के बाद ही धारण करना जरूरी है।
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